समर, एक स्वप्नद्रष्टा युवक, जो अपनी बालकनी से दुनिया को अपनी नज़र से देखता था, अचानक उस हाट बाजार की चहल-पहल में एक अनजान लड़की, शोमल, से टकराता है। उसकी मासूम मुस्कान और गोलगप्पे खाने का अंदाज़ समर को मोह लेता है। दोनों की निगाहें कई दिनों तक बातें करती हैं, पर जब समर उससे सीधा संवाद करता है, तो परिस्थितियाँ बदल जाती हैं। एक रात, रोमि की उदासी भरी धुन सुनकर समर उसके दुःख को समझने की कोशिश करता है और उसे मुक्त कराने का निर्णय लेता है। लेकिन उसकी प्रेम-कहानी एक अप्रत्याशित मोड़ लेती है, जहाँ भावनाएँ, हकीकत और भ्रम की दीवारें आपस में उलझ जाती हैं।

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मोहब्बत का सफर अधूरेपन से शुरू होता है, जब किसी के होने से खुद के पूरे होने का एहसास मिलता है। यह एहसास बिना किसी जबरदस्ती के, धड़कनों की आवाज़ पर शुरू होता है। पहले, यह सफर एक खुशनुमा दौर से गुजरता है, जब दुनिया हसीन लगने लगती है। लेकिन फिर नज़र लग जाती है, और जब यह एहसास टूटता है, तो दर्द होता है। इसके बाद दिल किसी काम में नहीं लगता। अधूरी कहानियां बस अधूरी ही रह जाती हैं। आख़िर में इंसान अपनी पहली मोहब्बत—माँ की याद में लौट आता है। वही प्यार जहाँ मोहब्बत का यह सुनहरा सफर समाप्त हो जाता है।

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एक सिपाही अपने गाँव लौटने पर एक युवती से प्रेम करने लगता है। दोनों के बीच प्रेम पनपता है, मगर कर्तव्य के आह्वान पर वह सीमा की रक्षा के लिए लौट जाता है। युद्ध की विभीषिका में प्रेमिका के नाम लिखे उसके खत अधूरे रह जाते हैं, और अंततः वह शहीद हो जाता है। प्रेमिका, उसके खोने के गम में डूबी, वक्त से ठहर जाने की गुहार लगाती है। वह अधूरे सपनों, टूटे वादों और बिछड़ने के दर्द के साथ उसकी शहादत को स्वीकारने की कोशिश करती है, लेकिन अपने सवालों के जवाब खोजती रह जाती है।

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कहानी